2015 के झाबुआ कांड पर लिखा गया मेरा पुराना लेख ।
सभी को मेरा नमस्कार । मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से टेलीविजन पर एक विज्ञापन आता है जिसके बोल है एमपी अजब है सबसे जगह है ।एमपी मे वैसे भी अजीब गजब का खेल चलता रहता है ।देश का हृदय कहा जाने वाला एमपी हमेशा से ही ऐसी घटनाओं के लिए चर्चा का बिंदू रहा है चाहे वो भोपाल गैस कांड हो या वयापम घोटाला या फिर झाबुआ कांड । मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले मे एक घर मे जिलेटिन की छडों मे आग लगी जिससे भयंकर विस्फोट हुआ और विस्फोट के बाद हादसा इतना भयंकर हुआ कि अभी तक इस घटना मे 92 लोग अपने प्राणों की आहूति दे चुके है और 100 से अधिक लोग अभी भी घायल है । जिलेटिन की छडें खनन के दौरान विस्फोट करने के काम आती है और इनहे अपने पास रखने के लिए बकायदा प्रशासन से अनुमति और लाइसेंस लेना पड़ता है ।यह जिला प्रशासन की जबाबदेही बनती है कि वह इन सब गतिविधियों पर नियंत्रण रखे । हमारे देश मे एक बात आम है ऐसी घटनाएँ चाहे कही भी घटित हो दो चीजें नेतागण और सरकारें तुरंत घोषित कर देती है -घटना की न्यायिक जाँच का आदेश और पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान ।यहाँ सभी के लिए ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकारें जिस मुआवजे का ऐलान करती है वह मुआवजा हमारे और आपके यानि जनता की खून पसीने की कमाई से दिये गए टैक्स से भरे हुए सरकारी खजाने मे से दिया जाता है न कि किसी पार्टी के फंड से । हमारे देश मे आजादी के बाद से आजतक जितने भी न्यायिक आयोग ऐसी घटनाओं की जाँच के लिए बने है चाहे वो कांग्रेस शासित राज्य हो या भाजपा शासित राज्य या अन्य क्या किसी दोषी पर कार्यवाही हुई है ? कयूकि न्यायिक आयोग के बाद हमारे देश की न्यायिक प्रणाली से भी गुजरने मे काफी लंबा समय लग जाता है ।तब तक या तो आरोपी ही सही सलामत नही बचते या फिर पीड़ितों के पास केस लड़ने के लिए वकील के पास ही पैसा नही बचता । और सरकारी वकील ऐसे मामलों मे कितनी ईमानदारी दिखाते है यह भी जगजाहिर है । हमारे देश के राजनेता तो वैसे भी हर मामले पर राजनीति ही करते है । देश मे कही भी कोई भी घटना हो वो लोग ऐसी घटनाओं पर कुछ भी बोलने से पहले अपने राजनीतिक लाभ और नुकसान का आकलन करकर बी बयान जारी करते है । ऐसे लोगों के लिए इंसानियत कोई म मायेन नही रखती है । कयूकि इस देश मे सभी पार्टीयों की सरकारों मे ऐसी घटनाएँ होती हुई आई है तथा दोषियों का खुलेआम घूमना और सरकारी संरक्षण प्राप्त करना भी जगजाहिर है ।आए दिन घटने वाली ऐसी घटनाओं से कभी कभी अंदेशा हो जाता है कि अगर देश मे ऐसी घटनाएँ बढ़ती रही और पीड़ितों को मिलना वाला न्याय इसी तरह देर होता गया तो जनता कही अपने हाथ मे ही कानून न ले ले । कयूकि देर से मिलने वाला न्याय भी अन्याय की श्रेणी मे ही आता है । इस दुर्घटना मे मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दुआ करते है और घायलों के शीघ्र कुशल होने की आशा करते है और ऊपर वाले से प्रार्थना करते है कि संकट की इस घड़ी मे पीड़ित परिवारों के सदस्यों को हिम्मत दे । बाकी आप सब मुझसे ज्यादा समझदार है ।
मेरा देश महान
जय हिन्द
हेमन्त कुमार शर्मा