Monday, November 1, 2010

भारत और भारतीय


भारत और भारतीय

हम सभी भारतीय है और हमको इस पर हमेशा गर्व करना चाहिए।लेकिन हम कभी भी भारतीय नहीं बन सकते क्यूकी हम अभी भी हिन्दू या मुस्लिम या सिख या राजस्थानी या गुजराती या मराठी या ओडिया या मलयाली है।हम भारतीय नहीं है ।हम हमारे देश का कई बार और काफी तरीके से हिस्सा कर चुके है।हम हमेशा बाल ठाकरे और राज ठाकरे का उनकी दुसरे राज्यों के लोगों के खिलाफ उनकी हिंसात्मक गतिविधियों के लिए आलोचना करते है।लेकिन वो लोग यह सब खुले में करते है ।वो लोग यह सब वहाँ की जनता के लिए नहीं बल्कि अपना वोट बैंक बढाने के लिए कर रहे है ताकि वो शासन में आ सके  और शासन में आने के बाद यहाँ के नेता क्या करते है यह तो सब जानते ही है।लेकिन वो यह सब खुले तौर पर कर रहे है जबकि बाल ठाकरे और राज ठाकरे तो सभी मे है,मुझमे भी है और आपमें भी है।खैत्रवाद की राजनीति हर जगह  है,हर राज्य में ,हर शहर में,हर गली में।इस देश में अगर कोई व्याक्ति अपने राज्य से किसी दुसरे राज्य में  जाकर काम करे,तो उस जगह के कुछ लोग इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे ,वो लोग उस व्याक्ति के लिए हमेशा परेशानी खड़ी करते रहेंगे।यह नीति या इस प्रकार की सोच सभी जगह पर है ।महारास्ट्र में महारास्ट्र के कुछ  लोग दुसरे राज्य के लोगों को पसंद नहीं करते,उसी प्रकार दुसरे राज्यों में भी दुसरे राज्यों के  कुछ लोग दुसरे राज्यों के लोगों को पसंद नहीं करते  उसी प्रकार दूसरे राज्यों में भी उस राज्य के लोग दुसरे राज्यों के लोगों को पसंद नहीं करते ।वो लोग उस व्यक्ति के लिए हमेशा परेसानी पैदा करने की कोशिस करेंगे. हम भारतीय है और हमे अधिकार है के हम इस देश की किसी भी हिस्से में रह सकते है और काम कर सकते है चाहे फिर वह जगह महारास्ट्र  हो या गुजरात हो या राजस्थान हो या और कोई राज्य हो .इसके लिए हम किसी भी सरकार पर दोष नहीं लगा सकते ,इसके लिए तो हम खुद याने के जनता ही जिम्मेदार है .हम अभी भी भारतीय नहीं है .हम सिर्फ नाम के ही भारतीय है .हम ऐसे भारतीय है जो के एक दूसरे भारतीय की सफलता से जलते है और उसके लिए परेशानी पैदा करते है . भारत प्रतिभाओं का देश है लेकिन हम अभी भी हमारी गलत सोच की वजह से बहुत पीछे है .बिल गेट्स  ने एक बार कहा था के भारतीय कंप्यूटर और  सॉफ्टवेर और आईटी में  चीनी लोगों के बाद  सबसे स्मार्ट है.कल्पना चावला की मौत के बाद उस वक़्त के अमेरिका के  राष्ट्रपति ने  कहा था के महान देश की महान नारी को मेरा सलाम.हम सभी को इस बात पर हमेसा गर्व करना चाहिए  . यूरोप में ४० % चिकित्सक  और अभियंता  भारतीय है .दूसरे देशों में भारतीयों की बहुत मांग है.लेकिन हमारे खुद के देश में हम ऐसा नहीं करते है.यहाँ पर एक भारतीय दूसरे भारतीय के लिए परेशानी का कारण बनता है .एक दूसरे की प्रतिभा को ऊपर लाने की वजाय हम लोग एक दूसरे का आत्मविस्वाश कम करने में लगे हुए है .भारत दुनिया में इसकी संस्कृति की वजह से प्रसिद्ध और सम्माननीय है .भारत से बाहर बहुत कम लोग(कुछ भारतीय भी )ही राज ठाकरे को जानते है .लेकिन महात्मा गांधी.डॉ.अब्दुल कलाम,स्वामी विवेकानंद और न जाने ऐसे ही कितने लोगों को पूरी दुनिया जानती है .बहुत कम लोग उनके धर्म,राज्य और शहर के बारे में जानते है .वो दुनिया में अपने अच्छे काम और अपने देश के प्रति लगन और समर्पण की भावना की वजह से जाने जाते है .अगर हम कुछ भी गलत काम करते है तो हमारा एक गलत काम हमारे शहर,राज्य और देश का नाम बदनाम करता है लेकिन अगर हम अच्छा काम करेंगे तो हमारा एक अच्छा काम हमारे शहर,राज्य और देश का नाम रोशन करता है उसे चमका देता है . अभी यह  हमारे ऊपर निर्भर करता है के हमे क्या करना है ?हम अच्छा काम करके अपने देश का नाम रोशन करे या फिर गलत काम करके अपने देश का नाम खराब करे.वर्त्तमान में हममे से बहुत कम लोग हमारे देश के रास्ट्रीय गीत ,स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस के बारे में जानते है. हमारे पास  फ्रेंडशिप डे या प्रेम  डे मनाने के लिए तो टाइम है लेकिन अपने देश  की आजादी बहुत कम लोग मनाते है लेकिन फिर भी हम भारतीय है .आई पी  एल   के मचों  के दौरान कुछ लोग हमारे देश के झंडे पर रखकर व्हिस्की पीतें  है लेकिन हम फिर भी भारतीय है .वर्ल्ड कप में बुरी हार के बाद भारतीय क्रिकेटर  पार्टी में जाते है और वहां पर भारतीय समर्थको की पिटाई करते है लेकिन हम फिर भी भारतीय है .इस देश का एक आदमी इस देश के दूसरे हिस्से में जाकर ना तो काम कर सकता है और ना ही रह सकता है और न ही उन्नति कर सकता है  लेकिन हम फिर भी भारतीय है .एक आदमी हमारे देश की संसद पर  हमला करता है और हमारे देश की अदालत की उसको फांसी सजा देती है लेकिन हमारे देश के कुछ राजनेता उसका बचाब करते है और उसको बचाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हम फिर भी भारतीय है हमारी यही सोच ही हमारे देश की प्रगति में सबसे बड़ी बाधक है .हम लोग हमारे दुःख से दुखी नहीं है हम लोग दूसरे के सुख से दुखी  है हम लोगों को इस तरह की विचारधारा का विरोध करना चाहिए तभी हम उन्नति कर सकते है प्रतियोगिता का मतलब यह नहीं होता है के हम हमारे प्रतियोगी के लिए परेशानी खड़ी करे और वह  मैदान छोड़कर भाग जाए ,प्रतियोगिता का मतलब है के हमको दुसरे व्यक्ति से जिससे के हम मुकाबला कर रहे है उससे कुछ सीखना चाहिए और अपने आपको बहतर बनाने की कोशिश  करे .आजके जमाने में हर कोई सफलता पाना चाहता है कोई भी यह सोचने के लिए तैयार नहीं है के हम जो कर रहे है वो सही है या गलत बस सफल होना है .पहले हम एक भारतीय है और हमको इस पर गर्व करना चाहिए .अगर आप लोगों को मेरा यह आलेख पसंद आया तो इसको इस संदेस को अपने समस्त दोस्तों तक पहुचाहिये .
जय हिंद.
धन्यवाद 
हेमंत कुमार शर्मा